राष्ट्रपति किस अनुच्छेद के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श मांग सकता है
Anonymous Quiz
13%
अनुच्छेद-231
26%
अनुच्छेद-233
42%
अनुच्छेद-143
18%
अनुच्छेद-233(क)
जनजाति_आन्दोलन_by_gajanand_sir_compressed.pdf
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Live Class Link:- https://youtu.be/A6kSyIT8gAM
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चम्बल नदी
मानव एवं जीव – जगत के लिए जल उतना ही आवश्यक है जितना भोजन एवं वायु हैं !
राजस्थान के जल संसाधन की महत्ता इस बात से भी बढ़ जाती हैं कि इसका लगभग 61% भाग शुष्क प्रदेश हैं !
राजस्थान की धरती जल के स्त्रोत एवं नदियों के अभाव मे प्यासी रहती है
राजस्थान की अधिकांश नदियाँ का प्रवाह क्षेत्र अरावली पर्वत के पूर्व मे है
बहाव की दृष्टि से नदियाँ को तीन भागो मे बांटा गया है-
1. बंगाल की खाड़ी ( Bay of Bengal) मे जल ले जाने वाली नदिया
2. अरब सागर ( Arabian Sea) मे जल ले जाने वाली नदियां
3. आन्तरिक प्रवाह की नदियाँ
बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियां
बंगाल की खाड़ी की ओर जल ले जाने वाली नदियों में राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण व सदा प्रवाहिनी नदी चंबल है !
चम्बल नदी
प्राचीन नाम – चर्मण्वती नदी
इसे नित्यवाहिनी व सदावाहिनी भी कहते हैं
इसे राजस्थान की कामधेनु कहते हैं
उद्गम – मध्यप्रदेश में इन्दौर के महू के नजदीक विंध्याचल पर्वत की जानापाव पहाड़ी
बहाव क्षेत्र – मध्यप्रदेश में महू – उज्जैन- रतलाम- मंदसौर
राजस्थान में चित्तौड़गढ़- कोटा – बूंदी- सवाई माधोपुर- करौली- धौलपुर
उत्तर प्रदेश में 322 किलोमीटर चलकर यमुना में मिल जाती है
सहायक नदियां
मध्यप्रदेश में मिलने वाली नदियां – सिवान , रेतम , शिप्रा
राजस्थान में मिलने वाली नदियां – आलनिया, बनास, कालीसिंध, पार्वती, बामनी, कुराल, मेंज, छोटी कालीसिंध
उद्गम से यमुना में मिलने तक लम्बाई – 965 KM
राजस्थान में लंबाई – 135 किलोमीटर
यह नदी तीन राज्यो – मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में बहती है
इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर बांध, व कोटा बैराज बनें हुए है
सर्वाधिक बीहड़ इसी नदी के क्षेत्र में है!
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मानव एवं जीव – जगत के लिए जल उतना ही आवश्यक है जितना भोजन एवं वायु हैं !
राजस्थान के जल संसाधन की महत्ता इस बात से भी बढ़ जाती हैं कि इसका लगभग 61% भाग शुष्क प्रदेश हैं !
राजस्थान की धरती जल के स्त्रोत एवं नदियों के अभाव मे प्यासी रहती है
राजस्थान की अधिकांश नदियाँ का प्रवाह क्षेत्र अरावली पर्वत के पूर्व मे है
बहाव की दृष्टि से नदियाँ को तीन भागो मे बांटा गया है-
1. बंगाल की खाड़ी ( Bay of Bengal) मे जल ले जाने वाली नदिया
2. अरब सागर ( Arabian Sea) मे जल ले जाने वाली नदियां
3. आन्तरिक प्रवाह की नदियाँ
बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियां
बंगाल की खाड़ी की ओर जल ले जाने वाली नदियों में राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण व सदा प्रवाहिनी नदी चंबल है !
चम्बल नदी
प्राचीन नाम – चर्मण्वती नदी
इसे नित्यवाहिनी व सदावाहिनी भी कहते हैं
इसे राजस्थान की कामधेनु कहते हैं
उद्गम – मध्यप्रदेश में इन्दौर के महू के नजदीक विंध्याचल पर्वत की जानापाव पहाड़ी
बहाव क्षेत्र – मध्यप्रदेश में महू – उज्जैन- रतलाम- मंदसौर
राजस्थान में चित्तौड़गढ़- कोटा – बूंदी- सवाई माधोपुर- करौली- धौलपुर
उत्तर प्रदेश में 322 किलोमीटर चलकर यमुना में मिल जाती है
सहायक नदियां
मध्यप्रदेश में मिलने वाली नदियां – सिवान , रेतम , शिप्रा
राजस्थान में मिलने वाली नदियां – आलनिया, बनास, कालीसिंध, पार्वती, बामनी, कुराल, मेंज, छोटी कालीसिंध
उद्गम से यमुना में मिलने तक लम्बाई – 965 KM
राजस्थान में लंबाई – 135 किलोमीटर
यह नदी तीन राज्यो – मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में बहती है
इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर बांध, व कोटा बैराज बनें हुए है
सर्वाधिक बीहड़ इसी नदी के क्षेत्र में है!
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