Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
यह गर्व की बात है कि बीएसएनएल का पूरा 4जी स्टैक स्वदेशी है जिसे हमारे देश के संस्थानों और कंपनियों ने विकसित किया है। आज भारत दुनिया के उन पांच देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने पूरी तरह से स्वदेशी 4जी तकनीक विकसित कर ली है
❤25🔥2
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️वर्ल्ड पैरा एथेलेटिक्स चैंपियनशिप 2025
• आयोजन - नई दिल्ली
• हाइ जंप में भारत ने जीते दो मेडल
1. शैलेश कुमार (बिहार) - गोल्ड मेडल
2. वरुण सिंह भाटी (UP) - ब्रोंज मेडल
• कैटिगरी- T-63
• आयोजन - नई दिल्ली
• हाइ जंप में भारत ने जीते दो मेडल
1. शैलेश कुमार (बिहार) - गोल्ड मेडल
2. वरुण सिंह भाटी (UP) - ब्रोंज मेडल
• कैटिगरी- T-63
❤22👍14🙏2
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) 2 अक्टूबर 2025 को देश भर में "सबकी योजना, सबका विकास" अभियान की शुरूआत करेगा
✔️वित्त वर्ष 2026–27 के लिए पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी हेतु 'पीपुल्स प्लान कैंपेन' अभियान
✔️वित्त वर्ष 2026–27 के लिए पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी हेतु 'पीपुल्स प्लान कैंपेन' अभियान
❤24
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️पर्यटन मंत्रालय "पर्यटन और सतत परिवर्तन" "पर्यटन और सतत परिवर्तन" पर केंद्रित विश्व पर्यटन दिवस 2025 मनाया।
✔️भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने शनिवार, 27 सितंबर, 2025 को "पर्यटन और सतत परिवर्तन" पर केंद्रित विश्व पर्यटन दिवस 2025 मनाया। इस कार्यक्रम में सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के प्रतिष्ठित हितधारकों ने भाग लिया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास को गति देने और पर्यटन में लगातार प्रथाओं को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को जताया।
✔️भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने शनिवार, 27 सितंबर, 2025 को "पर्यटन और सतत परिवर्तन" पर केंद्रित विश्व पर्यटन दिवस 2025 मनाया। इस कार्यक्रम में सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के प्रतिष्ठित हितधारकों ने भाग लिया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास को गति देने और पर्यटन में लगातार प्रथाओं को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को जताया।
❤9
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️व्याख्या
✔️ददरेवा (चूरू) में जन्में (वि.सं. 1003) गोगाजी पंचपीरों में एक पीर (गोगापीर) और सर्पों के देवता के रूप में प्रसिद्ध है।
✔️नागवंशीय चौहान वीर गोगाजी के पिता का नाम जेवर सिंह व माता का नाम बाछल देवी था। इनकी पत्नी का नाम केलमदे (कोलमण्ड की राजकुमारी) था।
✔️ये एक ऐसे ऐतिहासिक चरित्र है जिनकी पूजा गाँव-गाँव में बड़ी आस्था के साथ की जाती है। इसलिए मारवाड़ में तो यह कहावत है कि 'गाँव-गाँव गोगो ने गाँव-गाँव खेजड़ी।'
✔️ददरेवा (चूरू) में जन्में (वि.सं. 1003) गोगाजी पंचपीरों में एक पीर (गोगापीर) और सर्पों के देवता के रूप में प्रसिद्ध है।
✔️नागवंशीय चौहान वीर गोगाजी के पिता का नाम जेवर सिंह व माता का नाम बाछल देवी था। इनकी पत्नी का नाम केलमदे (कोलमण्ड की राजकुमारी) था।
✔️ये एक ऐसे ऐतिहासिक चरित्र है जिनकी पूजा गाँव-गाँव में बड़ी आस्था के साथ की जाती है। इसलिए मारवाड़ में तो यह कहावत है कि 'गाँव-गाँव गोगो ने गाँव-गाँव खेजड़ी।'
❤29👍1
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️व्याख्या -
✔️ इनके समाधि स्थल गोगामेड़ी (हनुमानगढ़ की नोहर तहसील स्थित गोगाजी की समाधि पर बने मंदिर का नाम, गोगामेड़ी की बनावट मकबरेनुमा है) को धुरमैड़ी और जन्म स्थान ददरेवा (चूरू) को शीर्षमैड़ी कहते हैं। ये इसलिए कहे जाते है क्योंकि युद्ध में लड़ते हुए गोगाजी का शीश ददरेवा में और कर्बन्ध (शरीर) गोगामेड़ी में गिरा था।
✔️उत्तरप्रदेश में गोगाजी के भक्त आंचलिक भाषा में 'पूर्बिये' कहलाते हैं।
✔️ सांचौर जिले में गोगाजी के मंदिर को गोगाजी की ओल्डी (झोंपड़ी) कहा जाता है।
✔️भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की नवमी को गोगामेड़ी में मेला भरता है। इसे गोगा नवमी भी कहते है।
✔️ इनके समाधि स्थल गोगामेड़ी (हनुमानगढ़ की नोहर तहसील स्थित गोगाजी की समाधि पर बने मंदिर का नाम, गोगामेड़ी की बनावट मकबरेनुमा है) को धुरमैड़ी और जन्म स्थान ददरेवा (चूरू) को शीर्षमैड़ी कहते हैं। ये इसलिए कहे जाते है क्योंकि युद्ध में लड़ते हुए गोगाजी का शीश ददरेवा में और कर्बन्ध (शरीर) गोगामेड़ी में गिरा था।
✔️उत्तरप्रदेश में गोगाजी के भक्त आंचलिक भाषा में 'पूर्बिये' कहलाते हैं।
✔️ सांचौर जिले में गोगाजी के मंदिर को गोगाजी की ओल्डी (झोंपड़ी) कहा जाता है।
✔️भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की नवमी को गोगामेड़ी में मेला भरता है। इसे गोगा नवमी भी कहते है।
❤32👍5🙏3
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️व्याख्या -
✔️गोगाजी ने अपने मौसेरे भाई अर्जन-सुर्जन तथा उनकी सहायता कर रहे मुसलमानों से गायों को मुक्त कराने के लिए किये संघर्ष में अपने प्राणों की आहूति दी।
✔️ इन्होंने महमूद गजनवी से युद्ध किया था। गोगाजी के रणकौशल को देखकर ही महमूद गजनवी ने कहा था कि यह तो 'जाहीरा/जाहर पीर' है अर्थात् साक्षात् देवता के समान प्रकट होता है। इसलिए ये 'जाहरपीर' के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
✔️ गोगाजी की पूजा भाला लिए यौद्धा के रूप में या सर्प रूप में होती है। गोगाजी के वीरता के कार्यों का उल्लेख 'बीठू मेहा के रावले' में किया गया है।
✔️गोगाजी ने अपने मौसेरे भाई अर्जन-सुर्जन तथा उनकी सहायता कर रहे मुसलमानों से गायों को मुक्त कराने के लिए किये संघर्ष में अपने प्राणों की आहूति दी।
✔️ इन्होंने महमूद गजनवी से युद्ध किया था। गोगाजी के रणकौशल को देखकर ही महमूद गजनवी ने कहा था कि यह तो 'जाहीरा/जाहर पीर' है अर्थात् साक्षात् देवता के समान प्रकट होता है। इसलिए ये 'जाहरपीर' के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
✔️ गोगाजी की पूजा भाला लिए यौद्धा के रूप में या सर्प रूप में होती है। गोगाजी के वीरता के कार्यों का उल्लेख 'बीठू मेहा के रावले' में किया गया है।
❤30👍4🥰4
Forwarded from TARGET SI EXAM 2025
❄️. अनेकार्थक शब्द. ❄️
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
✔️पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।
✔️पत्र– चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।
✔️पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
✔️पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
✔️पतंग – पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।
✔️पय – दूध, अन्न, जल।
✔️पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
✔️पानी – जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
✔️पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।
✔️पृष्ठ– पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।
✔️प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा, साफ।
✔️प्रकृति – स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।
✔️कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।
✔️कक्ष– काँख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा।
✔️कर्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया।
✔️कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
✔️कलि– कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ चौथा युग।
✔️कशिपु– चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख।
✔️काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
✔️काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।
✔️किनारा– तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
✔️कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।
✔️कुशल – चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
✔️कुंजर– हाथी, बाल।
✔️कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
✔️पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।
✔️पत्र– चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।
✔️पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
✔️पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
✔️पतंग – पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।
✔️पय – दूध, अन्न, जल।
✔️पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
✔️पानी – जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
✔️पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।
✔️पृष्ठ– पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।
✔️प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा, साफ।
✔️प्रकृति – स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।
✔️कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।
✔️कक्ष– काँख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा।
✔️कर्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया।
✔️कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
✔️कलि– कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ चौथा युग।
✔️कशिपु– चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख।
✔️काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
✔️काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।
✔️किनारा– तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
✔️कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।
✔️कुशल – चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
✔️कुंजर– हाथी, बाल।
✔️कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।
❤42