🌹खामोशी से बिखरना आ गया है, 🌹हमें अब खुद उजड़ना आ गया है, 🌹किसी को बेवफा कहते नहीं हम, 🌹हमें भी अब बदलना आ गया है, 🌹किसी की याद में रोते नहीं हम, 🌹हमें चुपचाप जलना आ गया है, 🌹गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो, हमें कांटों पे चलना आ गया है।
🌹मोहब्बत को जो निभाते हैं उनको 🌹मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में 🌹छोड़ जाते हैं उनको हमारा ये पेघाम हैं, 🌹“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को 🌹फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की 🌹ज़िंदगी ना तबाह करो”।