Hindi Shayari club
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तैरते रहे कुछ सपने
प्रीत की नाँव पर
उन्ही के किनारो
में डूब हुई पानी
हमारी आखें
🖤
क्या आज भी लिखता होगा
वो हमारे लिए
क्या उसे प्रेम अब भी होगा
हमसे
क्या याद उसे आती होगी
हमारी
सैकड़ों क्या में उलझ गई हूँ
मैं
🖤
प्रेम जो पूरे नही हुए-
पौधे जो बड़े नहीं हुए-
कैटरपिलर जो तितली नहीं हुए-
बगीचे जो जंगल नहीं हुए-
रस्ते जो मुसाफिर नहीं हुए।

जो नहीं हुए
वो कहाँ गए?

तुम भी तो मेरे नहीं हुए
तुम कहाँ गए?
हाल-ए-दिल अपना क्या सुनाएं आपको,

ग़म से बातें करना आदत है हमारी,

लोग मरते हैं सिर्फ एक बार सनम,

रोज पल-पल मरना किस्मत है हमारी।
खुशीयों की मंजिल ढुंढी तो ग़म की गर्द मिली

चाहत के नगमें चाहे तो आहें सर्द मिली दिल के

बोझ को दुना कर गया, जो ग़मखार मिला.
कल हवा में बिखर गया था मैं,
फिर न जाने किधर गया था मैं,

वो था इक ख़त्म होते रस्ते सा,
उसपे चलकर ठहर गया था मैं,

देर तक उसका इन्तेज़ार किया,
फिर अकेला ही घर गया था मैं,

उसकी आंखों में एक दरिया था,
जिसमें इक दिन उतर गया था मैं।
सपने हल्के थे... उड़ गए हवाओं में...

ज़िन्दगी रह गई... भारी भारी...
नया ख़त नहीं आएगा, ये जानते हुए
मैं उसके पुराने ख़त,जला कर बैठा हूं

किसी से इश्क़ भी नहीं,कर सकता मैं
उस पर सब अपना, लुटा कर बैठा हूं
कैसे कहूं, तकलीफ़ उसने दिया मुझे,
उम्मीद तो मेरी ही अपनी थी ,
पूरी करे न करें उसकी अपनी मर्जी ही तो थी ,,,,,,,,,,,🙃
वक़्त बीत जाये तो लोग
भुला देते हैं,

बेवजह लोग अपनों को भी
रुला देते हैं,

जो दिया रात भर रोशनी
देता है,

सुबह होते ही लोग उसे भी
बुझा देता है...!!!
आजाद कर दिए हमने अपने मनपसंद लोग,

अब ना कोई ख्वाहिश रही ना कोई रोग...🥀
खुद का हाल देखने की भी फुरसत नही है मुझे

और वो औरों से बात करने का इल्जाम लगा रहे है.
धड़कने मेरी बेचैन रहती है आजकल,
क्योंकि तेरे बिना ये धड़कती कम और तड़पती ज्यादा है.
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों,

मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते.
ᥫ᭡፝֟፝֟

अधूरी ख्वाइशों का कारवाँ है जिंदगी

मुक्ममल जहाँ तो कहानीयो मे होते है....!!

             »»——🖤——««
ज़हन में बस जाएँ वो मुलाकातें अब
कहाँ

रूह भिगो जाएँ वो बरसातें अब कहाँ...
जाने की तेरी ज़िद
थी
रोकने की मेरी
कोशिश
इसी कश्मकश में
रात गुज़र गयी
🖤